रामेश्वर नाथ काव
भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी रॉ के संस्थापक को बहुत ही कम लोग जानते होंगे। रामेश्वर नाथ काव नामक इस वयक्ति ने दक्षिण एशिया का नक्शा बदल दिया था। इस वयक्ति का भारत राष्ट्र के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान है। लेकिन कार्य की गोपनीयता होने के कारन ऐसे वयक्तियों को जयादा प्रकाशित नहीं किया जाता। काव खुद भी सामाजिक वयक्ति नहीं थे। उन्हें लोगो से जयादा मिलना जुलना पसंद नहीं था।सम्पूर्ण जीवन में उनके सिर्फ २ ही फोटो खींचे गए। ऐसी मान्यता है। १९७१ में बांग्लादेश युद्ध के समय वह भेष बदलकर एक पान बेचने वाले के रूप में सवयं पूर्वी पाकिस्तान पहुँच गए। पाकिस्तानी बलूचिस्तान में क्रांति फैलाने की योजना काव ने मध्य ७० के दशक में ही बना ली थी ,वह अपने कार्यालय अधिकतर रेडलाइट या सुनसान इलाको में बनाते थे। कश्मीरी पंडित होने के कारन वह नेहरू-गांधी परिवार के बहुत नजदीक थे ,सिक्किम का भारत में विलय करवाने वाले वयक्ति काव ही थे। ऐसे वयक्ति ही वास्तव में भारत रत्न जैसे पुरुस्कारों के हकदार हैं। २००२ में उनका दिल्ली में देहांत हो गया।
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